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वित्तीय मामलों की जी-20 बैठक में भारत की प्राथमिकताओं को मिला  समर्थन

– बेंगलुरु में आयोजित जी-20 वित्त एवं केंद्रीय बैंकों के उप प्रमुखों की बैठक संपन्न

-जी-20 सदस्यों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था सहित वित्तीय समस्याओं के समाधान पर भारतीय प्राथमिकताओं को दी तवज्जो

-महंगाई, खाद्य़ एवं ईंधन से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए सभी सदस्य देश करेंगे समन्वय

बेंगलुरु, दिसंबर, 14:  भारत की सिलिकॉन वैली बेंगलुरु में बुधवार को जी-20 वित्त एवं केंद्रीय बैंकों के उप प्रमुखों (एफसीबीडी) की पहली बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया, जिसे सदस्य देशों से भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ।

भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत फाइनेंस ट्रैक एजेंडे पर केंद्रित दो दिवसीय बैठक वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी। बैठक के दूसरे दिन बुधवार को कुल तीन सत्र आयोजित हुए, जिनमें प्रमुख तौर पर तीन एजेंडों पर चर्चा हुई। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय कराधान, वैश्विक स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्र एवं वित्तीय समावेशन जैसे तीन महत्वपूर्ण एजेंडों पर फलदायक चर्चा हुई। दिन की शुरुआत एक साइड-इवेंट के साथ हुई, जो कि 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत बनाने पर केंद्रित था। जी-20 वित्त और केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुखों की इस बैठक की सह-अध्यक्षता वित्त मंत्रालय में आर्थिक कार्य विभाग के सचिव अजय सेठ और आरबीआई के  डिप्टी गवर्नर डॉ. माइकल डी. पात्रा ने की। बैठक में उनके जी-20 सदस्य देशों के समकक्ष और कई अन्य देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के समकक्षों ने भी भाग लिया, जिन्हें भारत द्वारा आमंत्रित किया गया है।

बैठक में हुआ तमाम विचार-विमर्श, भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत वित्त ट्रैक के एजेंडे पर केंद्रित रहा। इनमें 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को फिर से उन्मुख करना, भविष्य के शहरों का वित्तपोषण, वैश्विक ऋण की कमजोरियों का प्रबंधन, वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाना, जलवायु कार्रवाई और एसडीजी के लिए वित्तपोषण, गैर-समर्थित क्रिप्टो संपत्तियों के लिए विश्व स्तर पर समन्वित दृष्टिकोण और अंतर्राष्ट्रीय कराधान एजेंडा को आगे बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल रहे। इस दौरान ‘हरित वित्तपोषण में केंद्रीय बैंकों की भूमिका’ विषय पर एक सेमिनार का भी आयोजन हुआ। भारत की अध्यक्षता के दौरान वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक जी-20 फाइनेंस ट्रैक एजेंडे को समावेशी तरीके से आगे बढ़ाएंगे, जिसका उद्देश्य आज की वैश्विक आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ बेहतर भविष्य की तैयारी करना है।

भारत की अध्यक्षता में फाइनेंस ट्रैक की इस पहली बैठक में वैश्विक व्यापक आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें जी-20 सदस्यों सहित दुनिया भर के 184 अलग-अलग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें जी-20 सदस्यों के अलावा 13 आमंत्रित देश तथा 17 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे। फाइनेंस एंड सेंट्रल बैंक डेप्युटीज (एफसीबीडी) की बैठक के दौरान ‘21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एमडीबी को मजबूत बनाने’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक चर्चा आयोजित की गई। बेंगलुरु में विदेशी प्रतिनिधिमंडल को कर्नाटक में पैदा होने वाली विभिन्न किस्मों की कॉफी भी परोसी गई।

दिन का तीसरा और संपूर्ण कार्यक्रम का सातवां सत्र समाप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय प्राथमिकताओं को सदस्य देशों द्वारा भरपूर समर्थन मिला है और सभी प्राथमिकताओं पर सहमति बन गई है। सेठ ने कहा कि समस्याओं से निपटने के लिए प्रस्तुत प्राथमिकताओं को लेकर कौन क्या काम करेगा, यह भी तय हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अभी से ही इस पर काम भी शुरू हो गया है। सेठ ने यह भी  बताया कि बैठक में हुए सत्र के दौरान तय हुआ है कि वैश्विक स्तर पर महंगाई, खाद्य एवं ईंधन संकट से जुड़ी समस्याओं से सभी सदस्य देश समन्वय करके निपटेंगे।

इसके अलावा उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि यह भारत के लिए अपनी अर्थव्यवस्था के सकारात्मक पहलू एवं डिजिटलीकरण की दिशा में दुनिया के समक्ष अपनी उपलब्धियां प्रस्तुत करने के साथ ही दूसरों से भी कुछ सीखने का समय है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आने वाले दो-तीन वर्षों के दौरान भारत के पास एक्शन प्लान बनाने का सुनहरा अवसर है। बुधवार को संपन्न हुई बैठक के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की पहली बैठक 23-25 फरवरी, 2023 के दौरान बेंगलुरु में ही आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम के तीसरे दिन गुरुवार को विदेशी प्रतिनिधिमंडल को भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) का दौरा कराया जाएगा। इसके अलावा गुरुवार को उन्हें बेंगलुरु के अन्य दर्शनीय स्थलों की भी यात्रा कराई जाएगी।

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